हस्तमैथुन (Mastrubation) करने से शरीर में होता क्या है?
जब भी कोई पुरुष अपने जनांग को घर्षण देता है तो कुछ देर बाद जब उसका वीर्य निकलता है तो वीर्य निकलने के दौरान जो आनंद प्राप्त होता है उसके बारे में वो सभी पुरुष जानते ही हैं जिन्होंने कभी हस्तमैथुन किया हो? लेकिन ये अधूरा सच है, वीर्य निकलने के दौरान आनंद के अलावा एक और घटना घटती है जिसका शायद आपको पता चल जाए और सही से समझ में आ जाए तो हमेशा के लिए हस्तमैथुन करना छोड़ देंगे, अब ये जानने के लिए सबसे पहले आपको ये पता होना चाहिए की वीर्य की दो अवस्थाएं होती है एक उसकी भौतिक अवस्था और दूसरी उसकी ऊर्जा। आप इस चित्र में देख रहे होंगे जहां तीर का निशान लगा हुआ है ये है हमारे शरीर का मूलाधार चक्र, इसी तरह के हमारे शरीर में 7 चक्र होते है खैर उनकी बात हम कभी और करेंगे लेकिन मूलाधार चक्र के बारे में इतना जान लो कि यहां एक अद्भुत ऊर्जा विराजमान होती है जिसे अगर हम ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए ध्यान के द्वारा इस बिंदु से ऊपर ले गए तो ये ऊर्जा इंसान को महामानव बनाने के लिए पर्याप्त होती है और जब हम हस्तमैथुन करते है तो वीर्य के साथ ये ऊर्जा भी ऊपर की बजाय नीचे चली जाती है और इसका पतन हो जाता है। और बार बार ऐसा करने से इस ऊर्जा के नाश से हमारे सोचने समझने की क्षमता याददाश्त और शरीर की सकारात्मक ऊर्जा कम होने लगती है जो लोग अधिक हस्तमैथुन करते है वो मेरी बात को अच्छे से समझ भी पा रहे होंगे क्योंकि उनके साथ ऐसा पहले से ही हो रहा है।
लेकिन अक्सर आप किसी डॉक्टर से पूछेंगे की क्या हस्थमैथुन करना हानिकारक क्या इससे कमजोरी आती है? तो डॉक्टर हमेशा यही बोलते है की ये एक प्राकृतिक घटना है इससे कोई शारीरिक कमजोरी नहीं आती।
अच्छा ये डॉक्टर बहुत हद तक सही ही बोलते है लेकिन डॉक्टर सिर्फ आपको वीर्य की भौतिक अवस्था को लेकर बात करते है न की इसकी अध्यात्मिक या ऊर्जिए अवस्था को लेकर। आपने खुद भी देखा होगा की कुछ लोग हर रोज हस्तमैथुन करते है फिर भी वो मोटे और स्वस्थ लगते है लेकिन अगर आप उनकी मानसिक अवस्था जानोगे तब ज्ञात होगा की वीर्य की ऊर्जा के पतन के कारण मानसिक रूप से उनको भी उतना ही गंभीर नुकसान हुआ है जितना बाकी सब लोगों को हुआ है जो हर रोज हस्तमैथुन करते है।
निष्कर्ष के तौर पर इतना समझ लीजिए जब आप हस्तमैथुन करते है तो वीर्य की ऊर्जा का पतन होता है जिससे आपकी बुद्धि का विकास, जीने की ईच्छा और तर्क शक्ति घटती है और आत्मीय बल इतना कम हो जाता है की आप सोचते तो बहुत कुछ हो करने की लेकिन कर नही पाते।
वहीं अगर आप हस्थमैथुन या अधिक संभोग नही करते है और अपने वीर्य की ऊर्जा को ध्यान के माध्यम से ऊपर की ओर ले जाएं तो आपकी बुद्धि का विकास, सोचने में सकारात्मकता, और तर्क शक्ति इतनी तेजी से बढ़ती है की आप महामानव भी बन सकते हो, जो लोग ब्रह्मचर्य का पालन करते है उनका उदाहरण देख सकते है।
उसके अलावा अगर भौतिक नुकसान की बात करें तो उसका एहसास आपको खुद होता होगा जब आपका वीर्य निकलता है तो उसके बाद कैसा महसूस होता है।
हस्तमैथुन करना गलत या सही?
देखिए अगर हस्तमैथुन को गलत या सही के तराजू में तोलोगे तो इतना समझ लीजिए की हस्तमैथुन करके आप दोषी नहीं हो जाते तो सबसे पहले यदि आप हस्तमैथुन करते है तो अपने दिमाग से ये निकल दीजिए की आप गलत कर रहे और आप बहुत बुरे इंसान है जो वीर्य और उसकी ऊर्जा का नाश कर रहे है। दरअसल वीर्य की ऊर्जा में प्राकृतिक रूप से इतनी उत्तेजना होती है की उसके बहाव को रोकना असंभव है बस अंतर ये है की सामान्य मनुष्य इसके बहाव को संभोग या हस्तमैथुन के द्वारा नीचे वहा देता है और महा मानव वीर्य की ऊर्जा को ध्यान, ब्रह्मचर्य और अन्य धार्मिक तकनीकी से इसके बहाव को ऊपर ले जाकर जीवन भर उस आनंद को जीता है जो आनंद हस्तमैथुन या संभोग करने वाले को क्षण भर के लिए मिलता है।
हस्तमैथुन कितनी बार करना उचित है?
देखिए सबसे अच्छा तो है आप बिल्कुल मत कीजिए, हां अगर इसे छोड़ने में कठिनाई हो रही है तो आप अपनी क्षमता अनुसार धीरे धीरे कम कीजिए लेकिन एक बात बहुत ध्यान से सुनिए हस्तमैथुन छोड़ने के लिए आपको कुछ और ऐसा साधन पकड़ना होगा जिसमे आपको आनंद की प्राप्ति हो। वो साधन बहुत सारे हो सकते है तो यदि आप वास्तव में हस्थमैथुन छोड़ कर और पानी वीर्य ऊर्जा को बचा कर अपने बल और बुद्धि को बढ़ाना चाहते है तो जहां भी आप ये वीडियो देख कर रहे है वहां कमेंट बॉक्स में हां लिखिए फिर अगली वीडियो में हम आपसे साझा करेंगे वो पूरी रणनीति जिसके तहत लाखों लोगों ने इस गंभीर समस्या से निजात पाकर अपने जीवन को बेरंग से रंगीन और आनंदमय बनाया है। मिलते है अगली वीडियो में प्रेम मार्ग (प्रेम से परमात्मा की ओर) चैनल पर। बहुत सभी को प्रेम भरा धन्यवाद